भारत सरकार (Government of India) ने 2025 में संपत्ति खरीद-बिक्री (Property Buying-Selling) से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण (Significant) बदलाव किए हैं, जो निवेशकों के लिए जानना आवश्यक (Essential) है। इन परिवर्तनों (Changes) का उद्देश्य संपत्ति लेन-देन (Property Transactions) को अधिक पारदर्शी (Transparent), सुरक्षित (Secure) और डिजिटल (Digital) बनाना है।
सेल डीड (Sale Deed) और रजिस्ट्रेशन (Registration) के नए नियम
सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (Property Registration Process) को सरल (Simplified) और पारदर्शी बनाने के लिए कई नए नियम लागू किए हैं। आइए, इन नए नियमों पर विस्तार से चर्चा करें।
नया नियम (New Rule) | विवरण (Details) |
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Registration) | अब संपत्ति Property रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। आवेदनकर्ता (Applicant) सरकारी पोर्टल (Government Portal) पर दस्तावेज़ (Documents) अपलोड (Upload) करके, शुल्क (Fee) का भुगतान (Payment) डिजिटल माध्यम (Digital Mode) से कर सकते हैं। |
आधार कार्ड लिंकिंग (Aadhaar Card Linking) | संपत्ति Property के रिकॉर्ड (Records) को मालिक (Owner) के आधार नंबर (Aadhaar Number) से जोड़ना अनिवार्य (Mandatory) कर दिया गया है। यह कदम बेनामी संपत्तियों (Benami Properties) और धोखाधड़ी (Fraud) को रोकने में मदद करेगा। |
वीडियो रिकॉर्डिंग (Video Recording) | रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है, जिससे भविष्य (Future) में किसी विवाद (Dispute) की स्थिति में प्रमाण (Proof) के रूप में इसका उपयोग किया जा सके। |
डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature) | रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्ण (Complete) होने पर तुरंत डिजिटल सिग्नेचर और प्रमाणपत्र (Certificate) जारी किया जाएगा। |
महिलाओं (Women) के अधिकारों (Rights) में सुधार (Improvement)
2025 के नए नियमों के तहत महिलाओं के संपत्ति Property अधिकारों में बड़ा सुधार किया गया है।
- बेटियों (Daughters) का अधिकार (Right): अब बेटियों को पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) में बराबर का अधिकार प्राप्त है।
- विवाहित महिलाओं (Married Women) के अधिकार: विवाहित महिलाओं को पति की संपत्ति (Husband’s Property) में भी समान अधिकार प्राप्त होगा।
- उत्तराधिकार (Inheritance) के नियम: उत्तराधिकार कानून (Succession Law) में संशोधन (Amendment) के तहत अब महिला वारिसों (Female Heirs) को प्राथमिकता (Priority) दी जाएगी।
श्रेणी (Category) | अधिकार (Rights) |
बेटियां (Daughters) | पैतृक संपत्ति Property में समान अधिकार। |
विवाहित महिलाएं (Married Women) | पति की संपत्ति Property में समान अधिकार। |
विधवा (Widow) | पति की संपत्ति Property पर पहला दावा (Claim)। |
टैक्स लाभ (Tax Benefits)
- दोहरे स्व-निवासित (Dual Self-Occupied) संपत्ति पर छूट (Exemption): अब दो स्व-निवासित संपत्तियों पर टैक्स छूट प्रदान की जाएगी।
- कैपिटल गेन (Capital Gain) में राहत: लंबे समय तक संपत्ति रखने पर कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) में छूट का प्रावधान (Provision) किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के महत्वपूर्ण निर्णय (Important Judgments)
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति Property लेन-देन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।
- पंजीकरण की अनिवार्यता (Mandatory Registration): सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि संपत्ति का मालिकाना हक (Ownership) केवल पंजीकृत सेल डीड (Registered Sale Deed) के माध्यम से ही हस्तांतरित (Transfer) होगा।
- अमान्य हस्तांतरण (Invalid Transfer): बिना रजिस्ट्रेशन के की गई बिक्री (Sale) अमान्य मानी जाएगी।
- एकतरफा बदलाव (Unilateral Changes) अवैध: निष्पादन (Execution) के बाद किए गए किसी भी एकतरफा बदलाव को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध (Illegal) घोषित किया है।
प्रमुख बदलावों (Key Changes) का सारांश (Summary)
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से पारदर्शिता में वृद्धि।
- महिलाओं के संपत्ति Property अधिकारों को मजबूत करना।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजीकरण की अनिवार्यता।
- डिजिटल तकनीक का उपयोग कर प्रक्रिया को सरल बनाना।
निष्कर्ष (Conclusion)
2025 में लागू हुए ये नए नियम संपत्ति Property लेन-देन को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। निवेशकों और संपत्ति खरीदने-बेचने वालों के लिए इन परिवर्तनों को समझना और उनका पालन करना आवश्यक है।
नए नियमों का उद्देश्य न केवल प्रक्रिया को सरल बनाना है, बल्कि धोखाधड़ी को रोककर नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना भी है। यदि आप संपत्ति में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इन नियमों की जानकारी रखना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है।